मेरी सुन लो पुकार गिरधारी
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मेरी, सुन लो, पुकार, गिरधारी*,
मैं, बुला, बुला के, हारी ll
जब, प्रह्लाद* ने, तुम्हें पुकारा ll
तब, खंबे से, निकले, मुरारी
मैं, बुला, बुला के, हारी l
मेरी, सुन लो, पुकार,,,,,,,,,,,,,,,,
जब, अर्जुन* ने, तुम्हें पुकारा ll
गीता ही, रच दी, सारी,
मैं, बुला, बुला के, हारी l
मेरी, सुन लो, पुकार,,,,,,,,,,,,,,,,
जब, द्रोपदी* ने, तुम्हें पुकारा ll
तो, बढ़ा दी, सभा में साड़ी,
मैं, बुला, बुला के, हारी l
मेरी, सुन लो, पुकार,,,,,,,,,,,,,,,,
जब, मीरा* ने, तुम्हें पुकारा ll
दिखी, विष में, छवि तुम्हारी,
मैं, बुला, बुला के, हारी l
मेरी, सुन लो, पुकार,,,,,,,,,,,,,,,,
जब, नरसी* ने, तुम्हें पुकारा ll
तुमने, भर दिए, भात गिरधारी,
मैं, बुला, बुला के, हारी l
मेरी, सुन लो, पुकार,,,,,,,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल