वृन्दावन के कण कण में यहाँ बहती प्रेम की धारा,
कट जाये तेरी सारी वाधा जपले राधा राधा,
तू जपले राधा राधा.
शिव ब्रह्मा शंकादित गावे राधे राधे नाम,
राधे नाम पे रीजे प्यारे मन मोहन घनश्याम,
बिन राधा के दुनिया तो क्या श्याम सूंदर भी आधा ,
कट जाये तेरी सारी वाधा जपले राधा राधा,
तू जपले राधा राधा.
श्याम सूंदर संग जब जब राधा रानी मान बढ़ावे,
श्री चरनन में गिर के मोहन तब तब उनको मनावे,
ऋषि मुनि भी समज न पाये,ऐसे प्रेम अदहाढ़ा,
कट जाये तेरी सारी वाधा जपले राधा राधा,
तू जपले राधा राधा.
बिन राधे के मुरली न भाजे रास न करते बिहारी-,
राधा रमन की दिल की धड़कन श्री जी श्यामा प्यारी
हम भी तेरी शरण में आये हर लो भव की वाधा,
कट जाये तेरी सारी वाधा जपले राधा राधा,
तू जपले राधा राधा.