नजरा ना लग जान, तेरे मेरे प्यार नू,
दुनिया तो रखाँगी लुका श्यामा,
कदे साडे घर फेरा पा श्यामा॥
सोहणा तेरा वृन्दावन, सोहणा बरसाना ए,
सोने दे सिंहासन उत्ते बैठा मेरा कान्हा है,
सोहनी जई झलक दिखा श्यामा,
कदे साडे घर फेरा पा श्यामा......
दिन नईयो जगदा, ते रात नईयो लंगदी,
तेरी ही याद विच हर पल कटदी,
थक गईयाँ तक तक राह श्यामा,
कदे साडे घर फेरा पा श्यामा......
वेख वेख मुखड़े नू दिल नईयो रजदा,
सोने दे सिंहासना ते, मुरली वाला सजदा,
बार-बार दर्श दिखा श्यामा,
कदे साडे घर फेरा पा श्यामा......
सोहणे जए मुखड़े तो जावा बलिहारी,
मुखड़े दी झलक मेतो जाए ना निहारी,
आंख नाल आंख तू मिला श्यामा,
कदे साडे घर फेरा पा श्यामा........
लेके मैं मिर्च, नजर उतारांगी,
अपने श्याम तो मैं तन मन वारागी,
इक वारी मेरे घर आ श्यामा,
कदे साडे घर फेरा पा श्यामा........