इकली खड़ी रे मीरा बाई इकली खड़ी,
मोहन आवो तो सही गिरधर आवो तो सही,
माधव रे मंदिर में मीरा भाई इकली खड़ी,
थे कवो तो संवारा मैं मोर मुकट बन जाऊगी,
फेरन लगाओ सांवरो मस्तक पे लग जाऊगी,
आवो तो सही गिरधर आवो तो सही.......
ये कवो तो संवारा मैं काजल यो बन जाऊगी,
नैन लगावे सांवरो और नैना में रम जावुगी,
आवो तो सही गिरधर आवो तो सही.......
थे कवो तो संवारा मैं जल यमुना बन जाऊगी,
नावन लागे सांवरो मैं तो अंग अंग रम जाऊगी,
आवो तो सही गिरधर आवो तो सही.....
थे कवो तो संवारा मैं पग पायल बन जाऊगी,
नाचन लगे सांवरो मैं तो चरना में रम जाऊगी,
आवो तो सही गिरधर आवो तो सही.......