रानी सती मैया सांचों थारो नाम हैं
सच्चो दरबार हैं
थारे ही भरोसे पुरो परिवार हैं
थारो रुप यो मन मोवे चुनर माथे पे है सोवे
माथे पे बिंदिया लाल नैनो में कजरो यों
लागे सुहानो थारो अद्भुत शृंगार हैं
थारे ही भरोसे म्हारो पुरो परिवार हैं
रानी सती मैया
हाथां में है चुडा नाक में नथनी हैं सोवे
गोरे हाथों में मेहँदी लगी पाँव में पायलिया छनके
आख्या से छलके थारो प्यार बेशुमार है
थारे ही भरोसे म्हारो पुरो परिवार हैं
रानी सती मैया
हिलमिल सगला आवे मैया थारी ज्योत जगावे है
पूनम या अरज करें चरणा में शीश नावावें हैं
धोक लगावां हाँ म्है सुबह और शाम माँ
थारे ही भरोसे म्हारो पुरो परिवार हैं
रानी सती मैया