दादी थारे मंदीरिया को चाकर रख लो,
चाकर नही तो दवारपाल रख लो,
कभी ना नागा मरू गा रोज काम पे आऊगो
जो देगो बदले में सिर माथे लगाओ,
जो तो सास्तो सोदो है कबूल कर लो,
चाकर नही तो दवारपाल रख लो.....
रोज सवेरे जोत जगाऊ ठाणे भोग लगाऊ,
खूब लगन से सेवा कर सूजी नही चुरू गो,
सेवा करने को एक मौका तो दियो,
चाकर नही तो दवारपाल रख लो.....
दावर पे थारे बेठा रहू चोकसी बिठाउ गो,
और जो आसी बनता थारे दर्शन को ले आऊ गो,
भूल अगर हो जावे तो माफ़ कर दियो,
चाकर नही तो दवारपाल रख लो.....