चंदा तेरी चांदनी मांगे हाथ पसार,
माँ की चुनड़ी चमका दे और चमका दे शृंगार,
चंदा तेरी चांदनी....
मैया रानी ओड के बैठी चुनड़ी चुनड़ी बाहरी बाहरी जी,
ये चुनड़ी मैया ने प्यारी और भक्त ने प्यारी जी,
मैया रानी की चुंदरी देखा सो सो बार,
चंदा तेरी चांदनी....
शीश मुकट काना में कुण्डल गल हीरो का हार है,
नाक में नथनी पाँव पैजनियां फुलों का शृंगार है,
माँ कहा था का कंगन मैं निरखा बारम बार,
चंदा तेरी चांदनी.....
लाल सुरंगी मेहँदी मैया अपने हाथ मँड़ाई जी,
बैठाया बेठ्या मिल कर मैया दिल से करा बधाई जी,
माहरी मैया की मेहँदी मैं देखा बारम बार,
चंदा तेरी चांदनी.........
मकराने को मंदिर माँ को देख देख इतरावा जी,
बनवारी आंगन में बेठिया मंगल गीत सुनवा जी,
चंदा मां थारो ये माना गा उपकार,
चंदा तेरी चांदनी....