ये ज्योत मेरी मैंया की मर्जी से जलती है इस ज्योत को नमन करो
ye jyot meri maiya ki marji se jalati hai is jyot ko naman karo
तर्ज : चाहे जितना लेले कान्हा
ये ज्योत मेरी मैंया की
मरजी से जगती है
इस ज्योत को नमन करो
इसमें बड़ी शक्ति है
1.. जबतक ना हुकुम होवै,
ये ज्योत नही जगती
जबतक ना कृपा होवै,
ये लगन नही लगती
ये अखण्ड-ज्योत भग्तों का..
उद्धार करती है..
इस ज्योत को नमन करो
इसमें बड़ी शक्ति है
2.. ये ज्योत जो जगती है,
तो भाग्य बदलती है
ये ज्योत असम्भव को,
सम्भव कर सकती है
इस ज्योत रूप में ही तो..
सब शक्तियां रहती है..
इस ज्योत को नमन करो
इसमें बड़ी शक्ति है
3.. तेरे अला-बला जो भी,
सर पे मंडराती है
इस ज्योत की लपटों में,
स्वाहा हो जाती है
टूणा-टोटका बुरी नजरें..
इस ज्योत से डरती है..
इस ज्योत को नमन करो
इसमें बड़ी शक्ति है
4.. तेरी ज्योत का उजियारा,
इस घरमें सदा रखना
और हंसता खेलता ये,
परिवार सदा रखना
अम्बरीष कहे ये ज्योति..
किस्मत से मिलती है..
इस ज्योत को नमन करो
इसमें बड़ी शक्ति है