माजीसा मातारानी की आरती

श्री राणी भटियाणी जसोलधाम, आरती


“श्री राणीसा भटियाणीसा जसोलधाम”

आराधे पधारो मईया होवै निज आरती, कविजन कीरत गान करे ।

जसोल री धणियाणी कुंवर लाल बन्ना जननी, घर पर कुंकुम चरण धरे || १

आराधे पधारो मईया होवै निज आरती ॥

परगट जोत अवल हुई पूजा, धन धन जग अवतार घरे ।

संत सुख कारणी संकट संहारणी, कर किरपा कल्याण करे ॥ २

आराधे पधारो मईया होवै निज आरती ॥

पूरब कवल असल परमाणा, वचन चंद्रावळ रूप वरे ।

संतशिरोमणी रूपांदे समोवड़, धन जादम कुळ जनम घरे ॥ ३

आराधे पधारो मईया होवै निज आरती………….॥

जोगीदास कुंवरी पूजांणी जगत में, सरूपां भटियाणी नित नाम सरे ।

भोमिया सवाईसिंह संग में भणीजै, हाजिर परचा पीड़ हरे ॥४

आराधे पधारो मईया होवै निज आरती ॥

रजवट धर्म कल्याण कंत रमणी, केशर वरणी राज करे ।

दोऊ पख ऊजळ बखाणे सारी दुनिया, भगत साधक मन मोद भरे ॥ ५

आराधे पधारो मईया होवै निज आरती ॥

जळहळ भळकै देवळ ज्योती, फरहर धजा गगन फहरे ।

झणणण नाद शंख धुन झालर, घमम नगारा ढोल घुरे ॥ ६

आराधे पधारो मईया होवै निज आरती ॥

सुमरत कौम छत्तिसोई सेवक, थानक दरस्या नैण ठरे ।

राजा रंक भजै सब रैयत कर वंदन जयकार करे ॥ ७

आराधे पधारो मईया होवै निज आरती………….॥

काटो कष्ट जगत कल्याणी, भजन कियां भण्डार भरे ।

मेहर करो मां मौत्यांवाळी, कवि “काळू अरदास करे ॥८

आराधे पधारो मईया होवै निज आरती……..॥



◆ रचना एवं स्वर - कालूसिंह जी गंगासरा
● Lyricist & Singer - Ka। u Singh Gangasara
◆ अपलोड: मालचंद सारस्वत तावणिया
● Up। oad: Ma। chand sarswat tawaniya 9166267551
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