जीवन बहता पानी रे प्राणी काहे, करे तूँ गुमान रे ll
करे तू गुमान रे, अरे इंसान रे ll
दो दिन की जिंदगानी रे प्राणी काहे, करे तूँ गुमान रे
जीवन बहता पानी रे प्राणी...........
धन और दौलत, बड़ा ही कमाया, इस माया ने, हरी को भुलाया ll
माया तो, आनी है जानी रे प्राणी काहे, करे तूँ गुमान रे
जीवन बहता, पानी रे प्राणी..........
काया पे काहे, मान करे हैं, इस पे तूँ क्यों, अभिमान करे हैं ll
रहता न रूप जवानी रे प्राणी काहे, करे तू गुमान रे
जीवन बहता, पानी रे प्राणी ........
मोह माया से, प्रीत हटा ले, हरी नाम से, प्रीत लगा ले ll
छोड़ दे यह मनमानी रे प्राणी काहे, करे तू गुमान रे
जीवन बहता, पानी रे प्राणी ...........
अपलोड करता- अनिल भोपाल