तर्ज : गोरी है कलाइयां
शेर पे सवार है
मैंया आने को तैयार है
कोई दिल से बुलाने वाला चाहिए
1.. यूं तो बुलाने वाले, लाखों है कतार में
उनके ही घर ये जाती, जो पागल है प्यार में
करती ये प्यार है
और चाहती भी प्यार है
कोई दिल से निभाने वाला चाहिए
शेर पे सवार है..
2.. जितनी लगन है हमको, मैंयाको बुलाने की
उससे से भी ज्यादा इच्छा, है खुद मां की आने की
बड़ी बेकरार है
ये तो करे इंतजार है
कोई दिल में बिठाने वाला चाहिए
शेर पे सवार है..
3.. पलकें बिछाए खड़े हैं, हम तेरे प्यार में
एक बर तो आजा मैंया, मेरे परिवार में
मूड़ के न जाओगी
तुम यहीं रह जाओगी
कोई अम्बरीष बहाना ना बनाइये
मेरे ही घर में रह जाइये
भगतों के घर में रह जाइये
Lyrics : Ambrish Kumar Mumbai