होते बृज के मोर सखी री हम,होते बृज के मोर


होते बृज के मोर सखी री हम,
होते बृज के मोर
पाते वहां चितचोर सखी री हम,
होते बृज के मोर
होते बृज....
1.उड़-उड़ पंख गिरे यमुना में,
हाय बिनत नंद किशोर सखी री
हम,होते बृज के मोर
होते बृज....
2.मथुरा रहते वृन्दावन चलते,
पिहू-पिहू करके कान्हा रटते
मिल जायें चितचोर सखी री हम,
होते बृज के मोर
होते बृज....
3.कदम्ब की डाली पे झुला झुलें,
मधुबन बाग बगीचे फुलें
छाई घटा घनघोर सखी री हम,
होते बृज के मोर
होते बृज....
4.मधुबन से गोवर्धंन जाते,
गाय चराते कान्हा मिलते
हम होते भाव विभोर सखी री हम,
होते बृज के मोर
होते बृज....
5.काटो जनंम-जनंम के फैरे,
हम खड़े हैं द्वारे तेरे
बिनती हमारी कमजोर सखी री
हम,
होते बृज....
कांन्हा मोर बन आयो,कांन्हा मोर
बन आयो
तुझे राधा ने नचायो,तुझे सखियों
ने नचायो
तुझे संतों ने नचायो,तुझे भक्तों ने
नचायो
बाबा धसका पागल पानीपत
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