श्याम नाम पहचान बनी जो हार के आया,
श्याम ने उसको दिया है आके सहारा,
श्याम तू जग में बड़ा है शीश का दानी,
महके सदा खुशबु तेरी है मुखड़ा नूरानी,
सेठ है सबसे बड़ा व्यपार है न्यारा,
श्याम ने उसको दिया है आके सहारा,
ना कोई है श्याम वही में श्याम के खता,
देने वाला एक श्याम लाखो के अन दाता,
ऊँगली पे ही सांप है मुनीम है न्यारा,
श्याम ने उसको दिया है आके सहारा,
श्याम बिठाना चाहता हु मैं मन मंदिर में,
प्रेमियों की टोली होकर श्याम गली में,
घर घर में जोट जगे दरबार सजे प्यारा,
श्याम ने उसको दिया है आके सहारा,
एक ही अर्जी सुन ले मेरे श्याम बाबा दुनिया में चमके सजन शृंगार ओ बाबा,
दीपा माला ले खड़ी तेरा नाम सहारा,
श्याम ने उसको दिया है आके सहारा,