एक श्याम हमारा है, जग का भी सहारा है ।
दुनिया और कुछ भी नहीं, श्याम का ही इशारा है ।।
संसार में जो आया, उसे लौट के जाना है ।
सब चीज यहाँ नश्वर, क्या तेरा ठिकाना है ।।
सब लोग पराये हैं, बस श्याम हमारा है ।।
दुनिया और..
किस चीज पे इठलाते, क्या उसका सदा रहना ।
किस बात पे इतराते, क्या तुमको नहीं मरना ।।
सब छूटेंगे मरने पर, कोई न तुम्हारा है ।।
दुनिया और.......
संसार में आए हो, करो प्रेम सभी जन से ।
करो दीन-दुःखी की तुम, सेवा सदा तन से ।।
बस सेवा - भजन तेरा, बाकी न तुम्हारा है ।।
दुनिया और.........
मझधार है ये माया, क्यों मोह से बहते हो ।
जब श्याम किनारा है? क्यों भूल से भटके हो ।।
कर कान्त तू भक्ति, बस श्याम सहारा है ।।
दुनिया और........