म्हाने श्याम को सिंगार बड़ो प्यारो लागे

म्हाने श्याम को सिंगार बड़ो प्यारो लागे
साँची साँची बोलू बाबो न्यारो लागे
फागुन कार्तिक मेलो भारी
श्याम की सज जे हवेली प्यारी
थारे आगनिये में जोर का जयकारा लागे
साँची,

केशरियो बागों थारे तन पे सुहावे
काना रा कुण्डल  थारो रोब जमावे
थारी आख्या रो काजल बड़ो प्यारो लागे
साँची,

मोरपंख जयपुरी  मुकुट है सुहावे
केशर तिलक थारा भक्ता लगावे
थारो महक रहयो दरबार बाबा प्यारो लागे
साँची,

अमित बंसल बाबा भजन सुनावे
भक्ता चंग पर नाच दिखावे
थारी मोर छड़ी को बाबा झाड़ो लागे
साँची,,

Amit Bansal
Hanumangarh
9462171950

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