कुण जाणे रे दर्द हमारा

कुण जाणे रे दर्द हमारा, म्हारा बिछड़ेया गुरूदेव पियारा,

में शरणागत गुरू दाता, म्हाने भर-भर अमृत पाता,
म्हारी अमृत घाघर फुटी हींरा री लड़ली टुटी,
कुण जाणे रे दर्द हमारा म्हारा बिछड़ेया गुरूदेव पियारा,

में शरण जाता म्हाने राम भजन री कहता,
थे राम भजो म्हारा भाई  थारी आवागमन मिट जाई ,
कुण जाणे रे दर्द हमारा, म्हारा बिछड़ेया गुरूदेव पियारा,

सब मुलकन में छवि छाई वा मुरत नजर नहीं आई,
थे फीका लागो रे भाई मेरी मण्डली रा मालिक नांही,
कुण जाणे रे दर्द हमारा म्हारा बिछड़ेया गुरूदेव पियारा,

भाई बन्धु कुटम्ब परिवारा , ये दे रिया कष्ट अपारा ,
अब आन बचाओ सतगुरु स्वामी , चरणों में आयो गुरू गोस्वामी,
कुण जाणे रे दर्द हमारा , म्हारा बिछड़ेया गुरूदेव पियारा,

हनुमान भारती जी मोक्ष सिधाया म्हारे नैणां नीर भर आया,
राजेन्द्र पुरी कथ गाया, गुरू बिन पार नही पाया,
कुण जाणे रे दर्द हमारा म्हारा बिछड़ेया गुरूदेव पियारा,
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