मईया चिंतपूर्णी का दरबार निराला है

मईया चिंतपूर्णी का दरबार निराला है,
दरबार निराला है,तेरा भवन निराला है,
जो दर तेरे आ जाए वो किस्मत वाला है,

तेरा भवन निराला मां, ऊंचे पर्वतों की शिखरों पे,
मेरी चिंता हरो माता,
मैं डुबी हूं फिक्रों में,
तेरे संग में बजरंगी ओर भैरों बाला है,
मईया चिंतपूर्णी का.....

सातों बहनों की हो लाड़ली,
हे चिंतपूर्णी मां,
मंगल सबका करती हे मंगल करनी मां,
कभी विपदा ना आए,
जिसे तुमने संभाला है,
मईया चिंतपूर्णी का....

तेरे दर पे जिसने भी,
झोली फैलाई मां,
भंडारे भर दिए ना देर लगाई मां,
तेरा द्वार खुला है मां,
वहां कोई ना ताला है,
मईया चिंतपूर्णी का....

तु अपरंपार है मां,
तेरा पार ना पाया है,
कण कण में हे दाती,
तेरा नूर समाया है,
बड़ा अद्भुत रूप तेरा,
लगता मतवाला है,
मईया चिंतपूर्णी का....