ओढ़ चुनर में तो

ओढ़ चुनर मैं तो गई रे सत्संग में,
संवारो भिगोया माने गहरा गहरा रंग में....

ओ  चढ़ के चढ़ाया मैं तो गई रे भवन में,
सुध-बुध बोली मैं तो नाचो रे भवन में,
ओढ़ चुनर ........

लाल रंग की मैया ओढे चुनरिया,
मैया जी बस्सी है मारे तन और मन में,
ओढ़ चुनर.....

सब जग भूल  के रंग गई  मैं था मैं,
खोए रे खोए रे मैं तो मैया जी के रंग में,
ओढ़ चुनर....

बिना सत्संग के यो जीव नहीं लागे,
लागे रे लागे रे मारो मन सत्संग में
ओढ़ चुनर...

download bhajan lyrics (1736 downloads)