----- श्री बांके बिहारी स्तुति -----
श्याम सलोने बांके बिहारी , महिमा इनकी सबसे न्यारी ।
सर पे इनके मोर मुकुट हैं , हाथो में हैं मुरली प्यारी ।।
मुरली पे जब तान ये छेड़े , भक्त सभी आते हैं दौड़े ।
कुंज गलिन में बैठे बिहारी , दर्शन देते बारी बारी ।।
दर्शन इनके सबसे निराले , बार बार पर्दा ये डाले ।
परदे में छुप छुप के देखो , करते हैं ये खेल निराले ।।
खेल खेल में पूतना मारी , खेल खेल में कुब्जा तारी ।
खेल खेल में कंश को मारा , खेल खेल में सबको तारा ।।
तारण हारे , पालन हारे , हारे हुए के ये हैं सहारे ।
जो भी इनको दिल से पुकारे, उसके बन जाते हैं सहारे ।।
प्रेम भाव से ये हैं रीझते , भक्ति भाव से ये हैं मिलते ।
मीरा जैसा प्रेम करो तो , विष को भी अमृत कर देते ।।
ब्रज की इनको मिट्टी प्यारी , माखन के रसिया ये बिहारी ।
माखन मिश्री भोग लगाओ , प्रेम भाव से इन्हे खिलाओ ।।
हाथ जोड़कर कर लो विनती , मांग लो इनसे सच्ची भक्ति ।
इनकी भक्ति मिल जाये तो , भवसागर से मिलेगी मुक्ति ।।
Bhajan Lyrics - Jay Prakash Verma, Indore