मैं तेरे प्यार में ऐसा डूबा प्रभु जितना गेहरा गया उतने पास आ गया,
दुब कर भावो में मैं यहाँ भी गया सब कहते है की तेरा दास आ गया,
जो किनारे पे है वो तुमसे दूर है,
डूबने वालो को ये गरूर है,
जनता है वो ये छोड़ेगा न तू उसे,
चाहे जितनी डराए लेहरे ये उसे बीच मझधार में रहना रास आ गया,
मैं तेरे प्यार में ऐसा डूबा प्रभु....
सुख दुःख क्या है लहरें ये बताती है कभी आती है और कभी जाती है,
मोती अगर चाहिए दुब कर देख ले,
ढूंढ़ता फिर रहा जो लेहरो में उसे सच कहता हु वो तो निराश आ गया,
मैं तेरे प्यार में ऐसा डूबा प्रभु...
ये समुन्दर है क्या करना गोर है,
बहार कुछ और अन्दर से कुछ और है,
डूबने का है शौंक प्रभु श्याम को तेरे,
दुब करके पुकारा उसने जो तुझे बनके मालिक तू जीवन में ख़ास आ गया,
मैं तेरे प्यार में ऐसा डूबा प्रभु