( तर्ज - राघव को मैं ना दूंगा )
केवट कह रहा है पहले चरण धोऊ प्रभु के
फिर नाव में चढ़ाऊ गुणगान करते-करते
टूटी- फूटी हुइ है नौका मेरी रघुराई
जो नारी बन गई तो होगी ये पराई
धोऊगा मैं चरण को तेरा नाम लेते-लेते
केवट कह रहा है ....
छोटी सी नाव मेरी हुई है आज पावन
बैकुंठ से आए हैं मिलने पतित पावन
आए हैं मेरे सनमुख मेरे राम चलते - चलते
केवट कह रहा है ....
कोई पुण्य ऐसे होंगे जो राम मिलने आए
लखन लाल संग में वैदेही को भी लाए
लकी कहता भक्तों राघव गाते - गाते
केवट कह रहा है ....
lyrics - lucky Shukla