तर्ज : अंजन की सीटी में म्हारो मन
फतेहपुर में ठाकुर जी को
डंकों बाजै
आं कै उत्सव में देखो सारो गांव नाचै
- ई कलयुग में ठाकुर जी की
भोत बड़ी संकळाई
बड़ी से बड़ी बीमारी बाबो
झाड़ा से सल्टाई
अठै 56 भोग प्रसाद,
चँवर को झाड़ो लागै.. फतेहपुर
- लक्ष्मीनाथ बाबा का दर्शण,
बड़भागी ही पावै
साधू संतां की नगरी में,
किस्मतहाळा आवै
म्हारा ठाकुरजी का पर्चा,
सारे जग में गाजै.. फतेहपुर
- नाच कुदतो मस्ती में जो
ई दरबार में आवै
उणकी गाडी सरपट भागै,
बाबो पार लगावै
अठै शिवपरिवार के सागै,
हनुमान विराजै.. फतेहपुर
- भग्तां के संग अम्बरीष मांगे,
हर वैसाख बुलाज्यो
नगरसेठ थारी नगरी में,
हाथ पकड़ (की) घूमाज्यो
थारे संग चालण को,
म्हाने भी यो मोको लागै.. फतेहपुर
लीरिक्स : अम्बरीष कुमार मुंबई
स्वर : सुदर्शन कुमार मुंबई