मनमोहन के चरणों मे दिल खो गया
तेरे दर पे आके दिल खुश हो गया
खुश हो गया खुश हो गया......
दर दर भटका मैं प्रभू समझ मे सब कुछ आ गया
ठोकर खाकर दुनिया की द्वारे तेरे मैं आ गया
माफ करो मुझे देर हुई आने में जरा देर भई
अब आगया अब आगया अब आगया मेरे श्याम
जब तक दौलत पास है दुनिया तेरे साथ है
कंगाली आ जाये तो कोई नही तेरे साथ है
दुनिया के सारे बंधन स्वार्थ के है सब बंधन
मैं समझ गया लो समझ गया हाँ समझ गया मेरे श्याम
तेरे ही दर का पुजारी बनूं आठों प्रहर तेरा नाम जपूं
तन मन न्योछावर तुझपे करूँ भक्ति से बाबा तुझे खुश करूँ
मैंने पा लिये मैने पा लिये मैंने पा लिये चारो धाम
दुनिया के झंझट से तो प्यारा तेरा प्यार है
भक्त सभी सच्चे यहॉं साँचा तेरा दरबार है
भाव से जो कोई आये यहाँ परम कृपा पा जाए यहाँ
मैं पा गया मैं पा गया पा गया मैं आशीर्वाद