दादा खेडा आशा करके आया तेरे दरबार मै,
मनशा पूरी करदे ओ दादा सुनले नै पुकार नै,
दुखियो के दुखः दूर करे जो तेरे दर पै आ जावै,
इच्छा पुरी ,करदे ओ दादा मन चाहा फल पा जावै,
झोली भरदे, आनन्द करदे ना कमी तेरे भन्डार मै,
मनशा पुरी..........
नगर खेडे दादा तेरी शरण मै जो भी आता है,
पान पताशे ध्वजा नारियल ल्या तेरी भेट चडाता है,
अन्न धन से भन्डार भरे तो ना कमी रवै घरबार मै,
मनशा पुरी.....................
तेरे बिना हो दादा मेरे ओर नही कोई मेरा,
तेरी शरण मे पडा हू दादा ईतना श्यान भथेरा,
यो ''ईश्वर बालक तेरा ओ दादा आज दिए पुचकार ईन्नै,
मनशा पुरी.............
रचना ईश्वर वर्मा