ओह संवारे हुए वन्वारे जब से है तुम को निहारे,
लागी लग्न तेरे नाम की जब से शरण तेरी आये,
तेरी मन मोहनी अदा दिल को मेरे एसी बाई,
संवारी सूरतियाँ तिहारी नैनो में एसी समाई,
छुटे न ये साथ तेरा जग ये भले छुट जाए,
तू ही है मेरी सुबह तू ही मेरी शाम है,
तेरे सिवा न हमारा कोई नही श्याम है,
तू ही बता ओ संवारे कैसे तुझे मैं रिजाऊ,