दीवाना हूँ तेरा कहना, दीवाना हूँ तेरा कहना
मुझे जयादा ना तड़पना,
कभी गोकुल में ढुंढू तुझे, वृन्दावन में ढुंढू तुझे ।
नंदगांव में ढुँढू तुझे, गोवर्धन में ढुँढू तुझे ।
ढूंढ आया मैं बरसाना ॥
दीवाना हूँ तेरा कहना...
हर तरह से तुम्हारे हैं हम, आप मानो ना मनो भले ।
तेरे चरणो में निकलेगा दम, आप मानो ना मने भले ।
तुझे पागल क्यों बेगाना ॥
दीवाना हूँ तेरा कहना...
अब तो करदो दया की नज़र, ठोकरे खा रहा दर बेदर ।
एक तुम्हारे इस दर के सिवा, और दुनिया में ना मेरा घर ।
मुझे दर से ना ठुकराना ॥
दीवाना हूँ तेरा कहना...