होठो से मुरली क्यों चिपकी रहती है,
जरा ध्यान से सुन राधे, राधे कहती है,
तुमको ज्यादा प्रेम मेरे से,
या मुरली है प्यारी,
जगह तिहारी दिल मेरा,
ना झूठ कहे बनवारी,
मुरली कारण राधा तेरे दुःख सहती है,
ध्यान से सुन राधे, राधे कहती है,
जरा ध्यान से सुन राधे, राधे कहती है।
कई बार ये लगता, मुरली सौतन हो गई मेरी,
एक बांस की लकड़ी राधा सौतन कैसे तेरी,
कभी कभी नैनों से अश्रु धारा बहती है,
हाँ कभी कभी नैनों से अश्रु धारा बहती है,
ध्यान से सुन राधे, राधे कहती है,
जरा ध्यान से सुन राधे, राधे कहती है।
तेरे मेरे बीच ना मुरली अब ना आनी चाहिए,
पगली क्यों बनती है राधे, मान जानी चाहिए,
कमल सिंह ये प्रेमियों की जान लेती है,
ध्यान से सुन राधे, राधे कहती है,
जरा ध्यान से सुन राधे, राधे कहती है।