ओ श्यामा.... ओ कान्हा.....
जब दुनिया की सब रीत निभाई
ना काम आया कोई दोस्त ना भाई
हार के आया हूं दर पर तेरे
माफ़ करना मैंने इतनी देर लगाई
माफ कर दो
माफ कर दो मेरे श्याम बाबा गरीबी ले आई
तेरे दर पर कभी भी ना आता
तेरी इज्जत को यूं ना ना घटाता
बड़ी महंगी है-3 घर की चलाई, गरीबी ले आई......
माफ कर दो मेरे श्याम बाबा गरीबी ले आई.....
भूखा परिवार देख ना सका मै
उनके आंसुओं को रोक ना सका मै
नहीं देखी-3 गई जग हसाई, गरीबी ले आई......
माफ कर दो मेरे श्याम बाबा गरीबी ले आई.....
मैंने मांगी मदद रिश्तेदारों से
फिर रो पड़ा में उनके व्यवहारों से
उस घड़ी याद-3 तेरी आई, गरीबी ले आई......
माफ कर दो मेरे श्याम बाबा गरीबी ले आई......
मांगने को तो दुनिया पड़ी है
तूने सबकी ही झोलियाँ भरी है
कर दे मेरी-3 भी तू सुनवाई, गरीबी ले आई......
माफ़ कर दो मेरे श्याम बाबा गरीबी ले आई......
मुझे मेहनत का फल ना मिला जब
फूटी किस्मत को कोसता रहा मैं
अब फसी नाव-3 तू ही सहाई, गरीबी ले आई......
माफ कर दो मेरे श्याम बाबा गरीबी ले आई......
बुरा मानो ना ना बुरा "मानो ना-3" बुरा मानो ना मेरे श्याम बाबा गरीबी ले आई.....
माफ कर दो मेरे श्याम बाबा गरीबी ले आई