मईया तेरे द्वार आ गया

मईया तेरे द्वार आ गया

देखा, दुनीयाँ का, झूठा यह नज़ारा,
तो मईया, तेरे द्वार आ गया ॥
तेरे, बिन मेरा, होगा ना गुज़ारा,
तो दाती, तेरे द्वार आ गया ॥

तूँ तो, माँ है मुझको, कभी ना, रुलाएगी ।
लाख, बुरा भी हूँ, तो भी अपनाएगी ॥
आखिर, मैं भी तो... ॥बेटा हूँ तुम्हारा ॥
तो मईया, तेरे द्वार आ गया ।
देखा, दुनीयाँ का, झूठा यह नज़ारा...

तेरे, दर पे तो माँ, रोज़, कितने आते हैं ।
पूरी, करके, मुरादें, सब जाते हैं ॥
मिल, जाएगा... ॥मुझको भी किनारा ॥
तो मईया, तेरे द्वार आ गया ।
देखा, दुनीयाँ का, झूठा यह नज़ारा...

तेरा, दिल तो मईया, दया का, खज़ाना है ।
ब्रज, राज ना, किसी के, दर जाना है ॥
मांगे, रघुवंशी... ॥तेरा ही सहारा ॥
तो मईया, तेरे द्वार आ गया ।
देखा, दुनीयाँ का, झूठा यह नज़ारा...

अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल