कृष्णा ओ कृष्णा बीच भंवर मत छोड़

कृष्णा ओ कृष्णा बीच भंवर मत छोड़
बीच भंवर मत छोड़

सौंप दी है मैने तुझे ये जिंदगानी
मुक्ति है हाथों तेरे बात मैंने मानी
रखना शरण तू हे कानूड़ा
रखना शरण चितचोर
बीच भंवर मत छोड़...

सुनी पुकार तूने सब भक्तन की
अंखियां भी मेरी प्यासी तेरे दरशन की
सुनी पुकार तूने सब भक्तन की
अंखियां भी मेरी प्यासी तेरे दरशन की
ढूंढू कहां तुझे हे कानूड़ा
छुप गया मखनचोर
बीच भंवर मत छोड़...

मंदिर मंदिर होती पूजा तेरी
फिर भी ना देखी कान्हा सूरत तेरी
मंदिर मंदिर होती पूजा तेरी
फिर भी ना देखी कान्हा सूरत तेरी
अंखियां मन की खोली जो मोहन
बैठा था बांहे खोल
बीच भंवर मत छोड़...

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