मेरे श्याम के खेल निराले
कलयुग में खाटू वाले
जो सच्चे मन से जाता है
वो झोली भरके आता है
कस्टन के मेटन हारे,कलयुग में खाटू वाले
दुखियों के दुख मिटाए है
पापी न के पाप घटाए है
उनने बिगड़े काज सुधारे,कलयुग में खाटू वाले
जो मंजिल हार गए मन में
मुक्ति मिल जावे उन्हें पल भर में
मेरे बाबा हारे के सहारे,कलयुग में खाटू वाले
मेरे श्याम के खेल निराले, कलयुग में खाटू वाले
कमल ब्रजवासी (आगरा)