जितना दिया साईं ने मुझको इतनी मेरी औकात नही,
ये तो कर्म है उनका वरना मुझमे एसी बात नही,
तू भी वाही पर यहाँ जिस दर में सबकी बिगड़ी बनती है,
देखते ही तकदीर बनाना उनके लिए कुछ बात नही,
जितना दिया साईं ने मुझको.......
ये तो उन्ही की नज़रे कर्म है,
अच्छे है हालत मेरे दर दर भटकू हाथ पसारू,
एसे मेरे हालत नही,
जितना दिया साईं ने मुझको.......
एक सतरंज की चाल चले है सारा जमाना मेरे लिए,
जीत रहा हु मैं हर बाजी मेरी कही भी मात नही,
जितना दिया साईं ने मुझको......
पहले बहुत सदमे थे उठाये,
और बहुत से दर्द सहे,
लेकिन अब पहले की तरह से,
अश्को की बरसात नही,
जितना दिया साईं ने मुझको