एक झोली में फूल भरे है एक झोली में कांटे,
कोई कारण होगा तेरे बस में कुछ भी नही ये तो बांटने वाला बांटे,
कोई कारण होगा..
पहले बनती है तकदीरे फिर बनते है शरीक,
ये तो साईं कारीगरी है तू क्यों है गंबीर,
कोई कारण होगा......
नाग भी डस ले तो मिल जाये किसी को जीवन दान,
चिंटी से भी मिट सकता है किसी का नामो निशान,
कोई कारण होगा....
धन का बिस्तर मिल जाये पर नींद को तरसे नैन,
काँटों पर सो कर भी आये किसी के मन को चैन,
कोई कारण होगा.......
सागर से भुज न पाए कभी किसी की प्यास,
कभी एक ही बूंद से हो जाती है पूरी आस,
कोई कारण होगा......
मंदिर मस्जिद में जाकर भी कभी न आये ज्ञान,
कभी मिले मिट्टी से मोती पत्थर के भगवान,
कोई कारण होगा......