कन्हिया कन्हिया पुकारा करेंगे,
लताओं में बृज की गुज़ारा करेंगे ।
अगर रूठ जायेंगे हम से बिहारी,
चरण पड़ उनको मनाया करेंगे ।
बनायेंगे ह्रदय में हम प्रेम मंदिर ।
प्रेम के झूले पे झुलाया करेंगे ॥
उन्होंने छुडाए थे गज के वो बंधन ।
वोही मेरे बंधन छुड़ाया करेंगे ॥
उन्हें प्रेम डोरी से हम बाँध लेंगे ।
फिर कैसे वो भाग जाया करेंगे ॥
कभी तो मिलेंगे वो बांके बिहारी ।
उनके चरण चित्त बसाया करेंगे ॥