मेरा श्याम नही वपारी जो तोल के देता है,
जो मांगे मेरे श्याम से दिल खोल के देता है,
खोल के देता है मेरा बाबा खोल के देता है,
जो मांगे मेरे श्याम से दिल खोल के देता है,
दुनिया में शोर ऐसा नही मेरे श्याम के जैसा,
हार के जो भी आवे नैया ये पार लगावे,
जो भी जाता श्याम के दर फिर ठाठ करता,
जो मांगे मेरे श्याम से .........
खाटू सरकार कहावे सरकारी आप करे,
देखलो श्याम के दर पे पाप संताप हरे,
भगतो का कहना बाबा मान लेता है,
जो मांगे मेरे श्याम से.....
नीले घोड़े पे बेठा लागे ये सबको प्यारा,
शीश के दानी का ये देख रुतबा है प्यारा,
दीन इन्दोरियां कीर्तन में ये बोल के कहता है,
जो मांगे मेरे श्याम से.......
भगत सब हिल मिल आवे श्याम को भजन सुनावे,
सेवाकिया नाचे गावे श्याम बेठो मुश्कावे,
कुलदीप माजरा फागन में हर बार आता है,
जो मांगे मेरे श्याम से ........