कैसे जीऊ मे राधा रानी तेरे बिना ॥
मेरा मन ही ना माने तुम्हारे बिना,
कैसे जीऊ मे राधा रानी तेरे बिना........
मेरे पापो का कोई ठिकाना नहीं,
तेरी प्रीती का होती है जाना नहीं,
शरण देदो मेरे अवगुण निमाने बिना,
कैसे जीऊ मे राधा रानी तेरे बिना
मोहे प्रीत की रीति सिखा दो पिया,
अपनी यादो में रोना सिखादो पिया,
जीवन नीरस है अखियो के तारे बिना,
कैसे जीऊ मे राधा रानी तेरे बिना,
प्यारी भक्तो की पतवार तुम ही तो हो,
दीं दुखियो की आधार तुम ही तो हो,
अब मैं कहा जाऊ तेरे दर के बिना,
कैसे जीऊ मे राधा रानी तेरे बिना