मेरे शंकारा भोले नाथ,
तू करीब है भक्तो के ये नसीब है भक्तो के ॥
शंकारा भोले नाथ ....
अंग में बस्म रमाये,
डम डम डमरू बजाये,
तेरी शान है सबसे नयारी हे बाबा विष धारी,
मस्ती में नंदी झूमे मस्ती जो दे है तूने,
तेरी किरपा से है संसार तेरा भोलेनाथ,
मेरे शंकारा भोले नाथ....
क्या बात तेरे त्रिशूल की तेरे पास माफ़ी हमारी भूल की,
हम अनजान है समज ना कोई करते है हर्जोई,
तुम तो हो अंतर यामी हम मुरख कल कामी,
पाप व गुनाहों से है जीवन भरा,
मेरे शंकारा भोले नाथ.....