पूछा मैंने सभी से श्याम मिलता है कहा,
सबने कहा खाटू जा श्याम मिलता वहा,
खाटू के कण कण में प्रेम वासा है,
सँवारे का प्रेमियों पे छाया नशा है,
पूछा मैंने सभी से प्रेम मिलता कहा,
सबने कहा खाटू जा प्रेम मिलता वहा,
अपने पराये हो जाते यहाँ में,
पराये भी अपने से लगते यहाँ पे
पूछा मैंने सभी से अपने मिलते कहा,
सबने कहा खाटू जा अपने मिलते वहा,
सँवारे की चर्चा सुनी हद से जयादा,
मिलने का दिल ने बनाया इरादा,
पूछा मैंने सभी से चैन मिलता कहा,
सबने कहा खाटू जा चैन मिलता वहा,
ये सोच कर आई खाटू नगरियां,
देखा यहाँ वेहता कुंदन प्रेम का दरिया,
जैसा कहा सबने वैसा पाया यहाँ,
देखा खाटू में आके झुकते ज़मीन आस्मां,