मेरे नैनो में वस् जाओ,मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में वस् जाओ,
झलक अपनी दिखला जाओ मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में वस् जाओ,
तमना एक है मेरी तुम्हारा दर्श पाने की,
चमन मन का खिला जाओ मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में वस् जाओ,
तेरे दिद्दार की हसरत तेरे दरबार ले आई.
दर्श नैनो को दे जाओ,मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में वस् जाओ,
सुना है प्रेमियों के दिल की तुम हर बात सुनते हो,
कर्म शर्मा पे कर जाओ मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में वस् जाओ,