राम भगत हनुमान कहो चाहे या कहो बजरंग बाला,
राम भक्त कोई तुमसे न बढ़ के जय हो तेरी बजरंग बाला,
तेरी शरण में जो भी आये बने तू उसका रखवाला,
राम भक्त कोई तुमसे न बढ़ के जय हो तेरी बजरंग बाला,
जब जब संकट पड़ा राम पर पहुंचे वहा बजरंग बाला,
सीता माता का पता लगाने लंका में डेरा डाला,
जय सिया राम बोल के तुमने सागर लांग दिखा डाला,
राम भक्त कोई तुमसे न बढ़ के....
मंगल मूरत मंगल करते दुःख संकट सब दूर करे,
चिंता देख हुई लक्ष्मण को मुर्षित हो जब युग में पड़े,
एक संजीवन की खातिर तुमने पूरा पहाड़ उठा डाला,
राम भक्त कोई तुमसे न बढ़ के....
आग लगा के पूंछ में तेरी जब तुझको मजबूर किया,
एहंकारी रावण था जिसका एहंकार तूने चूर किया,
रावण की लंका को तुमने पल भर में जला डाला,
राम भक्त कोई तुमसे न बढ़ के...
चरणों में सिया राम का तेरा बिता है जीवन सारा,
कह गए सिया राम जगत को हनुमान है सबसे प्यारा,
विजय राज ने देख के भक्ति भजन ये तुमपे लिख डाला,
राम भक्त कोई तुमसे न बढ़ के