मेरे नैना विच बस गया श्याम,
मैं गली गली फिरा नचदी,
करा की तारीफ ये ता रूप दा खजाना है,
देख देख जीनु जग हो गया दीवाना है,
सोहने मुखड़े तो वारी जाये श्याम,
मैं गली गली फिरा नचदी,
मेरे नैना.......
जदो दी प्रीत मैं इस श्याम नाल पाई है,
अजब निराली एक मस्ती मैनु आई है,
मैनु भूल गये सुख आराम,
मैं गली गली फिरा नचदी,
मेरे नैना......
चाँद जहे मुखड़े तो वारी वारी जावा मैं,
दिल दे कमल उत्ते इसनु बैठावा मैं,
मुखो निकले बस उसदा नाम,
मैं गली गली फिरा नचदी,
मेरे नैना.....
सारी सारी रात उसदी याद सताये नी,
दिन नु ना चैन राती ना आये नी,
मैं ता जग विच हो गयी बदनाम,
मैं गली गली फिरा नचदी,
मेरे नैना.....
संवारे सलोने नाल नाता मैं ता जोड़ियाँ,
जग धोखेवाज को मुखड़ा मैं मोडिया,
हरी चरना च मिले विश्राम,
मैं गली गली फिरा नचदी,
मेरे नैना.....