खाटू की माटी का तिलक लगा ले,
ये गांव है श्याम धनि का अपनी किस्मत चमकाले,
खाटू की माटी का तिलक लगा ले,
वृन्दावन का कान्हा और राम अयोध्या वाला,
अवतार लिया खाटू में अब हो गया खाटू वाला,
खाटू की माटी का तिलक लगा ले.....
बड़ी धन्य धन्य ये माटी यहाँ पाँव पड़े भक्तो के,
इस माटी का क्या कहना यहाँ चिमटे गड़े संतो के,
खाटू की माटी का तिलक लगा ले......
खाटू की इस माटी से तुम कंकर चुग चुग कर लाना,
हर कंकर में है माया इन्हे झुक झुक शीश निभाना,
खाटू की माटी का तिलक लगा ले.......
भगतो का पसीना टपका भक्तो के आंसू टपके,
बनवारी बंदन से लगना बाबा की बापूत समज के,
खाटू की माटी का तिलक लगा ले,