इतनी किरपा करो श्याम प्यारे,
दोश अवगुण भुला के हमारे,
मुझे अपनी शरण में रख लेना,
इतनी किरपा करो श्याम प्यारे,
मेरा कोई नहीं है अपना सब छूटे है मेरे सहारे,
तेरे नाम की सोहरत सुन के मैं आया हु दर पे तुम्हारे,
मेरी सुन के पुकार मेरे लखदातर हाथ सिर पे दया का धर देना,
इतनी किरपा करो श्याम प्यारे,
रंग अपना चढ़ा के मुझपे रंग लो मुझको अपने ही रंग में,
मेरा दिल तो तेरा पागल चाहे रहना ये तेरे ही संग में,
ओ खाटू के सरकार मुझको देदे अपना प्यार,
मेरे संकट सारे हर लेना हर लेना,
इतनी किरपा करो श्याम प्यारे,
मैं बचपन से हु अनाडी तेरी पूजा न करनी ही जानू,
ना जानू तुझको रिझाना बस तुझको ही अपना मैं मानु,
ओ खाटू के नरेश हर के विपदा कलेश,
खत्री को चरण की रज देना,
इतनी किरपा करो श्याम प्यारे,