तूने मुझको भुलाया तेरे दवार आ गया,
एक बार नहीं कई बार आ गया,
क्यों प्रेमियों का दिल अब तक टोल ते नहीं,,
चला सोचके था होगी मुलकात सँवारे,
कुछ मैं भी करूगा दिल की बात सँवारे,
मीठे बोल वाले मिश्री क्यों गोल ते नहीं,
क्यों बैठे चुप चाप श्याम बोलते नहीं,
ये तो तुम्ही ने कहा था मेरे द्वार आया कर,
ये घर तेरा है हर बार आया कर,
अब आ गया हु भेद सारे खोलते नहीं,
क्यों बैठे चुप चाप श्याम बोलते नहीं,
मैंने तेरे लाइए श्याम अपना घर छोड़ा है,
सारे यार छोड़े है वो शहर छोड़ा है,
अब सुदामा वाली यारी क्यों जोड़ते नहीं,
क्यों बैठे चुप चाप श्याम बोलते नहीं,
देदो थोड़ी सी दिलाशा मैं सवार जाऊगा,
मैं भी राजी ख़ुशी श्याम अपने घर जाऊगा,,
मेरे लिए खजाने क्यों खोलते ने,
क्यों बैठे चुप चाप श्याम बोलते नहीं,