ऐसा बाया मुझे श्याम का शृंगार नज़रे हटती नहीं,
फूलो का शृंगार ये बड़ा प्यारा प्यारा है,
मुखड़े पे सँवारे सारा जग वारा है,
आजा नजर मैं तेरी लू उतार नजरे हटती नहीं,
सोने का शृंगासन सर पे चवर है,
तन केसरियां और मोर पंख है,
गले पुष्पों का सँवारे के हार नजरे हटती नहीं,
महिमा तुम्हारी सारा जग जाने,
आते है दर पे लाखो ही दीवाने,
श्याम शर्मा है तेरा सेवादार,नज़रे हटती नहीं