चलो चलो कावड़ियाँ शिव जी के दरबार,
काली घटाए जब छाये सवान रिम झिम पड़े बुहार,
चलो चलो कावड़ियाँ शिव जी के दरबार,
भोला मेरो बड़ा निराला,
गल में सोहे मृग का शाला,
बहे जटा से गंगा की धार,
चलो चलो कावड़ियाँ शिव जी के दरबार,
शिव जी मेरो है दुःख हरता,
सब की खाली झोली भरता,
तीनो लोको में गूंजे जैकार,
चलो चलो कावड़ियाँ शिव जी के दरबार,
बोल बम बोलते चलो कावड़िया,
थोड़ी दूर है बाबा नगरिया,
दीपक मलंग करे दीदार,
चलो चलो कावड़ियाँ शिव जी के दरबार,