कंधे पे झोला हाथ में कासा घर घर मांगे भीख,
जीना किसको कहते है ये बन्दे ये साई से सीख,
श्रद्धा और सबुरी का नित पाठ पढ़ाये सबको,
सब धर्मो का एक ही मालिक ये बताये सबको,
अल्लाह इस्सा राम एक है गाये उनके गीत,
बन्दे ये साई से सीख
उन कर भी बस लाचारों के दुःख दर्दो के काटे,
आंसू पूछए गल्ले लगा के खुशिया ही खुशियां बांटे,
दीं दुखी की सेवा करता बांके सच्चा मीत,
बन्दे ये साई से सीख....
अंधियारे जीवन में भर दे खुशियों का उजाला,
बनके मसीहा दोहरे आये जब जिसने भी पुकारा,
जिस पे नजर किरपा की डाले होये उसी की जीत,
बन्दे ये साई से सीख.........
अपनी धुन में मगन ना चिंता ना दुनिया की परवाह,
मस्त फ़क़ीर कहे सुध जिसको है शाहो का शेहनश,
दास दे सन्देश सभी को कर मालिक से प्रीत,
बन्दे ये साई से सीख........