तू साँई साँई बोल रे नाम अनमोल रे,
ये जिन्दगी सवार ले लगे ना कुछ मोल रे,
तू साँई,,,,,,,,,,,,,,
समय का पंछी तेरे हाथो से उड़ जायेगा
साँई का नाम तू रटले ये जीवन तर जायेगा
तू फिर पछतायेगा समझ नही पायेगा
अभी से तू सवार ले ये जीवन अनमोल रे
तू साँई,,,,,,,,,,,,
तू प्यारा बन साँई का नजारा फिर देख ले
साँई के श्री चरणों में ये जीवन सोप दे
भटकना छोड़ दे साँई का नाम ले
धूनी ये साँई राम की जो देती आँखे खोल रे
तू साँई,,,,,,,,,,,,,,,,
ये शिरडी के मालिक हे इन्हें तू पेहचान ले
ना बन नादान प्यारे साँई को मान ले
ये रहमत के भण्डार ये जग के तारणहार
,राही, साँई नाम की तू भी तो जय बोल रे
तू साँई साँई बोल रे नाम अनमोल रे,,,,,,,,,
ARUN CHAUHAN RAHI