धूम है मेरे साईं के अंगना,नूर की हर तरफ रोशनी है
मांगलो मेरे साई से भक्तो क्या खजाने में इनके कमी है,
धूम है मेरे साईं के अंगना......
साई ने लुटाया है महोबत का खजाना,
साई के दर पे पाया है दुनिया ने ठिकाना,
लौटा नहीं मायूस कोई साई के दर से,
कहता है मेरे साई का हर एक दीवाना,
धूम है मेरे साईं के अंगना......
नादान है जो दूर हुआ साई के चरण से,
सब कुछ मिलेगा दुनिया में साई की लग्न से,
किरपा है मेरे साई की मस्तो पे हमेशा,
झोली सबकी भर गई साई के कर्म से,
धूम है मेरे साईं के अंगना......
बिगड़ी हुई तकदीर बना देते है,
दीवानो को चाहत का सिला देते है साई,
तू मेरी बात मान ले साई के दर पर चल,
वो कड़वा नीम मीठा बना देते मेरे साई,
धूम है मेरे साईं के अंगना......