धरती उपजे हीरे मोती माला पिरोवे साई,
बन के जोगी तू मलंगा मनके फेरे साई,
साई ओ मेरे साई साई,
बने कसौटी सुनार दी हटी घस घस परखे साई,
उम्र गवई फेर न पाई बकरा बने कसाई,
मल मल ऐ काया तेरी दाग लगे न साई,
बनके जोगी तू मंलगा मनके फेरे साई,
साई ओ मेरे साई साई,
तू मंदिर में खाबा में तू ज्योत जगे मेरे साई,
क्यों मौला तू वांग पुकारे सब सुन्दा मेरा साई,
मिटटी विच मिल जाना मिटटी मेरा साई,
बनके जोगी तू मंलगा मनके फेरे साई,
साई ओ मेरे साई साई,
सज सवर के कंजरी बनके नचदा मेरा साई,
हीर मनान नु यार चले रूठे न मेरा साई,
कमली हां जुगनू मैं तेरी हीर बने मेरा साई,
बनके जोगी तू मंलगा मनके फेरे साई,
साई ओ मेरे साई साई,
रब नु ढूंढन दुनिया चली मके न मेरा साई,
पत्थर मूरत नानक राम सूली चढ़ गया साई,
खु दे विच तू जा ता सजन पिस्ता मेरा,
बनके जोगी तू मंलगा मनके फेरे साई,
साई ओ मेरे साई साई,